सांख्य दर्शन

*विषय- सांख्य दर्शन*

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१- सांख्य शब्द की निष्पत्ति मूलक धातु क्या है?

चक्षीञ्

 

२- 'संख्या चर्चा विचारणा' यह किसका वचन है ?

अमरकोश

 

३- "सत्त्वरजस्तमसाम् साम्यावस्था प्रकृति:" इस परिभाषा से संबंधित ग्रंथ विशेष कौन सा है?

सांख्यसूत्र

 

४- सांख्य दर्शन के उपदेष्टा कौन है?

कपिल मुनि

 

५- "सांख्यकारिका" इस ग्रंथ का अन्य नाम क्या है?

सांख्सप्तति:

 

६- सांख्यकारिका के प्रणेता कौन है?

ईश्वर कृष्ण

 

७- सांख्यकारिका में कुल कितनी कारिकाएं हैं?

७०+२=७२

 

८- सांख्य में कुल तत्वों की संख्या कितनी है?

२५

 

९- सांख्यकारिका की प्रथम कारिका में कितने दुःखों को निर्दिष्ट किया गया है?

 

१०- 'ज्ञ' इससे किस का बोध होता है?

परूष

 

११- सांख्य दर्शन में अव्यक्त किसका नाम है?

परकृति

 

१२- सांख्य दर्शन में पुरुष का स्वरूप कैसा है?

न प्रकृति न विकृति

 

१३- प्रमेयसिद्धि किससे होती है?

परमाण से

 

१४- सांख्य दर्शन कितने प्रमाण स्वीकार करता है?

 

१५- सांख्य दर्शन के अनुसार अनुमान का लक्षण क्या है?

लिङ्गलिङ्गिपूर्वकम्

 

१६- सांख्य दर्शन के अनुसार प्रत्यक्ष का लक्षण क्या है?

परतिविषयाध्यवसाय:

 

१७- अनुमान प्रमाण कितने प्रकार का है?

 

१८- महत् आदि तत्वों का कारण कौन है?

मल प्रकृति

 

१९- अहंकार की प्रकृति कौन है?

महत्

 

२०- पंचमहाभूतों की उत्पत्ति किससे होती है?

पचतन्मात्राओं से


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